यस बैंक मामला: ईडी ने भेजा अनिल अंबानी को समन, आज नहीं होंगे हाजिर

नई दिल्ली
अनिल अंबानी
संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को तलब किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर एवं अन्य के खिलाफ जारी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को समन जारी किया है। अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि यस बैंक से लिए गए कर्ज में से जो खाते गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में तब्दील हो गए, उनमें अनिल अंबानी के समूह की कंपनियां बड़े कर्जधारकों में हैं। इस कारण उन्हें ईडी के मुंबई कार्यालय में सोमवार को उपस्थित होने को कहा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि अंबानी ने कुछ निजी कारणों से उपस्थित होने से छूट की मांग की है, और संभव है कि उन्हें नई तारीख दे दी जाए। बता दें कि अनिल अंबानी की कंपनियों द्वारा यस बैंक से लिए गए कर्ज में 12,800 करोड़ रुपये एनपीए हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन सभी बड़ी कंपनियों के प्रमोटरों को बुलाया गया है जिनको दिए गए लोन एनपीए में तब्दील हुए। मामले में अधिकारियों ने कहा कि अनिल अंबानी का बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ( PMLA ) के तहत दर्ज किया गया है। राणा कपूर फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं।अनिल अंबानी के समूह की कई कंपनियां उन बड़ी कंपनियों की लिस्ट में हैं, जिनको दिया गया कर्ज बैड लोन की लिस्ट में पहुंच गया है। इन कंपनियों ने यस बैंक से भी कर्ज लिया था। लेकिन इसे लौटाया नहीं। छह मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि यस बैंक से कर्ज लेने वालों में निम्ननलिखित कंपनियां प्रमुख हैं-

  • अनिल अंबानी ग्रुप
  • एस्सेल
  • आईएलफएस
  • डीएचएफएल
  • वोडाफोन

यस बैंक के पुनर्गठन की योजना अधिसूचित
मालूम हो कि आर्थिक संकट से जूझ रहे यस बैंक को उबारने के लिए सरकार ने यस बैंक के पुनर्गठन की योजना अधिसूचित की है। सरकार ने वर्तमान प्रशासक प्रशांत कुमार को प्रबंध निदेशक, सीईओ नियुक्त कर दिया है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, यस बैंक पर लगी रोक 18 मार्च की शाम छह बजे से हटा ली जाएगी। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के पुनर्गठन से जुड़ी योजना के बारे में जानकारी दी।

तीसरी तिमाही में 18,654 करोड़ रुपये का घाटा
डूबे कर्ज के दबाव की वजह से यस बैंक को चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में 18,654 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह निजी क्षेत्र के किसी बैंक का अब तक का सबसे ऊंचा घाटा है। बैंक से पिछले छह माह के दौरान 72,000 करोड़ रुपये की निकासी हुई और यह आंकड़ा 1.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

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